Board Exam 2026: बोर्ड एग्जाम में 3 बड़े बदलाव, अब ऐसे होंगे 2026 से एग्जाम!

Published On: September 17, 2025
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भारत में बोर्ड परीक्षाओं का महत्व बहुत बड़ा है। हर साल लाखों छात्र दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा देते हैं, जो उनके आगामी करियर और पढ़ाई के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती हैं। लेकिन 2026 से बोर्ड एग्जाम में तीन बड़े बदलाव किए जा रहे हैं, जो छात्रों के लिए परीक्षा देने के तरीके, परीक्षा का पैटर्न, और तैयारी में आसानियां लाएंगे। ये बदलाव सरकार और बोर्ड की उस कोशिश का हिस्सा हैं, जिसमें परीक्षा के स्तर को बेहतर बनाना, छात्रों का तनाव कम करना और उनकी कॉम्पिटेंसी बढ़ाना शामिल है।

पहले जहां छात्रों को साल में सिर्फ एक बार बोर्ड एग्जाम देना पड़ता था और वह भी बहुत अधिक तनाव के साथ, अब 2026 से बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी। साथ ही परीक्षा प्रश्न भी अब सरल और अधिक व्यावहारिक होंगे। इन नियमों के लागू होने से छात्रों को बोर्ड परीक्षा के लिए बेहतर मौका मिलेगा, और उनकी पढ़ाई में नियमितता भी आएगी। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप हैं ताकि शिक्षा प्रणाली और अधिक छात्र-हितैषी और योग्यता आधारित बने।

बोर्ड एग्जाम 2026: 3 बड़े बदलाव

2026 से बोर्ड परीक्षा में मुख्य तीन बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। इन बदलावों का उद्देश्य छात्रों पर परीक्षा के तनाव को कम करना, परीक्षा को और अधिक पारदर्शी और सरल बनाना, और उन्हें बेहतर प्रदर्शन का मौका देना है।

1. बोर्ड परीक्षा होंगी साल में दो बार

  • अब बोर्ड परीक्षा को साल में दो बार आयोजित किया जाएगा। पहली परीक्षा फरवरी में होगी, जो सभी के लिए अनिवार्य होगी।
  • दूसरी परीक्षा मई में होगी, जो वैकल्पिक होगी और इसमें छात्र अपनी पिछली परीक्षा के नंबर सुधारने के लिए बैठ सकते हैं।
  • दोनों परीक्षा के अंकों में से बेहतर अंक छात्र के मार्कशीट में दर्ज किए जाएंगे।
  • यह व्यवस्था छात्रों को बेहतर प्रदर्शन का दूसरा मौका देती है और परीक्षा का तनाव कम करती है।

2. नया एग्जाम पैटर्न: वस्तुनिष्ठ और कॉम्पिटेंसी-आधारित प्रश्न

  • 2026 से परीक्षा के प्रश्नों में अधिक वस्तुनिष्ठ (MCQ) और कॉम्पिटेंसी आधारित प्रश्न शामिल होंगे।
  • यह बदलाव रटना कम और समझना ज्यादा को प्रोत्साहित करेगा, जिससे छात्र पढ़ाई में अधिक गहराई से समझ पाएंगे।
  • प्रश्नपत्रों में केस-बेस्ड, सोर्स-बेस्ड और व्यावहारिक सवालों की संख्या बढ़ेगी, जो छात्रों की समझ और विश्लेषण क्षमता को जांचेंगे।

3. 75% उपस्थिति और आंतरिक मूल्यांकन अनिवार्य

  • अब बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्रों को कम से कम 75% स्कूल उपस्थिति अनिवार्य होगी।
  • आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) भी जरूरी होगा और इसके बिना बोर्ड परीक्षा परिणाम जारी नहीं होगा।
  • छात्रों को चयनित विषयों का दो साल तक लगातार अध्ययन करना होगा।

बोर्ड एग्जाम 2026 के बदलावों का सारांश

बदलाव का नामविवरण
साल में दो बार बोर्ड परीक्षापहली फरवरी में अनिवार्य, दूसरी मई में वैकल्पिक, बेहतर अंक का चयन
नया परीक्षा पैटर्नअधिक MCQ, कॉम्पिटेंसी आधारित प्रश्न, सोचने-समझने वाले सवाल
उपस्थिति नियम75% न्यूनतम उपस्थिति अनिवार्य, बिना उपस्थिति परीक्षा देने से रोका जाएगा
आंतरिक मूल्यांकनअनिवार्य, बिना आंतरिक मूल्यांकन परिणाम नहीं मिलेगा
विषय अध्ययन नियमविषयों का लगातार दो वर्षों तक अध्ययन जरूरी
परीक्षा सुधार विकल्पदूसरी परीक्षा में छात्र सुधार कर सकते हैं
परीक्षा केंद्र नियमदोनों परीक्षाओं के लिए एक ही परीक्षा केंद्र
विषय परिवर्तन नियमपहली परीक्षा के बाद विषय चयन संभव नहीं

बोर्ड एग्जाम 2026 के फायदे

  • छात्रों को दो बार परीक्षा देने का मौका मिलने से वे पहली बार खराब प्रदर्शन पर निराश नहीं होंगे।
  • नया पैटर्न छात्रों की समझ और योग्यता पर आधारित होगा, जिससे रटने की बजाय सीखने पर जोर मिलेगा।
  • 75% उपस्थिति से पढ़ाई में नियमितता बढ़ेगी और छात्रों का पाठ्यक्रम में फोकस बेहतर होगा।
  • आंतरिक मूल्यांकन से स्कूल में पढ़ाई और आकलन दोनों पर ध्यान दिया जाएगा, जो समग्र शिक्षा में सुधार लाएगा।
  • छात्रों, अभिभावकों और स्कूलों के लिए यह परीक्षा प्रणाली अधिक पारदर्शी और सहायक साबित होगी।

छात्रों और अभिभावकों के लिए सुझाव

  • बोर्ड परीक्षा 2026 के नए नियमों और पैटर्न को अच्छे से समझकर तैयारी करना जरूरी है।
  • नियमित स्कूल जाना और 75% से कम उपस्थिति से बचना चाहिए।
  • MCQ और कॉम्पिटेंसी-आधारित प्रश्नों के अभ्यास पर अधिक ध्यान दें।
  • पहली परीक्षा में बेहतर प्रयास करें और सुधार परीक्षा के लिए भी योजना बनाएं।
  • आंतरिक मूल्यांकन और प्रोजेक्ट समय पर करवाएं।

बोर्ड एग्जाम 2026: मुख्य बातें

  • बोर्ड परीक्षा दो बार होंगी — फरवरी (मुख्य) और मई (सुधार)।
  • सबसे अच्छे नंबरों को मान्यता दी जाएगी।
  • परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे, जो विद्यार्थियों की समझ और सोच पर आधारित होंगे।
  • छात्रों को 75% उपस्थिति और आंतरिक मूल्यांकन पूरा करना होगा।
  • विषय बदलना या नए विषय जोड़ना पहली परीक्षा के बाद संभव नहीं होगा।

Disclaimer:

यह बदलाव भारत के केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और अन्य सरकारी शिक्षा संस्थानों की आधिकारिक नीतियों पर आधारित हैं। यह एक सच्ची और आधिकारिक सूचना है, जो सरकार की वेबसाइट और बोर्ड के लाइव नोटिफिकेशन से ली गई है।

बोर्ड परीक्षा 2026 में किए गए ये बदलाव विद्यार्थियों की शिक्षा को बेहतर, सरल और प्रतिस्पर्धात्मक बनाने की दिशा में उठाया गया कदम हैं। इस योजना के तहत छात्रों को बेहतर परीक्षा व्यवस्था, कम तनाव, और सुधार का मौका मिलेगा।

Source

Chetna Tiwari

Chetna Tiwari is an experienced writer specializing in government jobs, government schemes, and general education. She holds a Master's degree in Media & Communication and an MBA from a reputed college based in India.

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