GST GoM 2025: 5% स्लैब में 15 चीजें सस्ती, FM Nirmala ने किया बड़ा ऐलान

Published On: September 21, 2025
GST GoM Approval

भारत सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) में बड़ी छूट देने का फैसला किया है, जिससे रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं की कीमतें कम होंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह बदलाव आय आम जनता के लिए राहत भरा कदम माना जा रहा है।

जीएसटी काउंसिल की गोष्ठी में कई जरूरी वस्तुओं की टैक्स में कटौती को मंजूरी मिली है, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा।

जीएसटी के नए नियमों से न केवल घरेलू उपयोग की चीजें सस्ती होंगी, बल्कि ये बदलाव छोटे व्यापारियों और उद्योगों को भी आर्थिक तौर पर सहारा देंगे। सरकार ने यह समझा है कि महंगाई के बढ़ने से आम लोगों की खरीद क्षमता कमजोर हुई है, इसलिए आवश्यकता है कि जरूरी सामान और सेवाओं के दामों को कम किया जाए।

इस लेख में GST में हुए हालिया GoM फैसले, टैक्स छूट की नई सूची और रोजमर्रा की वस्तुओं के सस्ते होने की पूरी जानकारी दी गई है।

GST GoM Approval

GST की दरों को लेकर मंत्रिपरिषद (GoM) ने हाल ही में प्रस्ताव पर सहमति बनाई है, जिसमें रोजमर्रा की जरूरतों वाले उत्पादों पर टैक्स स्लैब को दो मुख्य दरों 5% और 18% में सीमित किया गया है। इसके अतिरिक्त कुछ लग्जरी प्रोडक्ट्स पर 40% डिमेरिट टैक्स लगाया गया है।

जरूरी घरेलू सामान जैसे सब्जियां, दालें, दूध, दवाइयां, साबुन, स्टेशनरी, कृषि उपकरण आदि को अब कम टैक्स स्लैब 5% में रखा गया है, जिससे इनके दामों में कमी आएगी।

मध्यम और उच्च वर्ग की आवश्यकता वाले उत्पाद जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन, वित्तीय सेवाएं आदि को 18% टैक्स के अंतर्गत रखा गया है। इस संशोधित टैक्स संरचना से बाजार में सामान की कीमतों में स्थिरता आएगी और व्यापारिक प्रक्रिया सरल होगी।

रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम कैसे होंगे कम?

ग्रोसरी, दूध, दवाइयां, साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट और अन्य घरेलू सामान जैसे दैनिक उपभोग की वस्तुओं पर टैक्स कम होने से सीधे तौर पर उपभोक्ताओं को सस्ता समान मिलेगा। यह बदलाव बाजार में व्यापक प्रभाव डालने वाला है।

सरकार ने किसानों की जरूरतों को भी ध्यान में रखते हुए कृषि उपकरण और उर्वरक को 5% GST में शामिल किया है। इससे किसानों के कृषि कार्य में इस्तेमाल होने वाले सामान की लागत कम होगी।

इसके अलावा दवाइयों पर कम टैक्स, स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर शून्य प्रतिशत टैक्स की व्यवस्था भी शामिल है।

सरकार का उद्देश्य और भविष्य की योजनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आर्थिक नीतियों का लक्ष्य गरीबी उन्मूलन, महंगाई नियंत्रण और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। GST दरों के संशोधन से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि उद्योगों का विस्तार भी होगा।

सरकार एक सटीक, पारदर्शी और निष्पक्ष कर प्रणाली बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। भविष्य में GST को डिजिटल और स्मार्ट टेक्नोलॉजी के साथ और बेहतर बनाने पर जोर दिया जाएगा।

निष्कर्ष

GST में हुई GoM की मंजूरी से रोजाना इस्तेमाल की कई जरूरी चीजें सस्ती होंगी, जिससे आम जनता की जेब पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। नकली टैक्स स्लैब, पारदर्शिता और सही टैक्स व्यवस्था आर्थिक विकास में सहायक होगी।

इस बदलाव से न केवल ग्राहकों को राहत मिलेगी, बल्कि देश के छोटे और मध्यम उद्यम भी मजबूती हासिल करेंगे। उपभोक्ताओं को टैक्स स्लैब में हुए बदलाव को समझकर अपने खरीद निर्णय लेना चाहिए, ताकि वे सही और फायदेमंद विकल्प चुन सकें।

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