1986, 1996, 2006, 2016 से पहले और बाद वाले पेंशनभोगी जानें: पेंशन में क्या बदलाव आया है?

Published On: September 30, 2025
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पेंशन, खासकर सरकारी कर्मचारियों के लिए, जिंदगी की सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। समय के साथ पेंशन नियमों और ढांचे में कई बदलाव हुए हैं, जो पेंशनधारकों और उनके परिवार के लिए सुविधाएं बढ़ाने के उद्देश्य से लागू किए गए। 1986, 1996, 2006 और 2016 ये प्रमुख साल हैं, जिनमें पेंशन प्रणाली में बड़े परिवर्तन हुए। इस लेख में इन वर्षों से पहले और बाद के बदलावों को आसान हिंदी में समझाया गया है।

सरकारी पेंशन सिस्टम के साथ-साथ वृद्धा पेंशन, EPFO पेंशन और अन्य योजनाओं में भी संशोधन हुआ है। अक्सर केंद्र और राज्य सरकारें अपनी-अपनी पेंशन योजनाओं को अपडेट करती रहती हैं, जिससे पेंशनधारकों को नया लाभ और बेहतर उपकरण मिलते हैं। चलिए, अब विस्तार से जानते हैं पेंशन में हुए महत्वपूर्ण बदलाव और उनकी वजह से पेंशनधारकों को क्या लाभ मिला।

1986, 1996, 2006 और 2016 से पहले और बाद के पेंशन बदलाव

नीचे एक टेबल में पेंशन नियमों में हुए बदलावों का सारांश दिया गया है, जिससे समझना आसान होगा कि हर दौर में क्या मुख्य परिवर्तन हुए:

बदलाव का वर्षबदलाव का विवरण
1986 के पहलेबेसिक वेतन पर पेंशन गणना, DA शामिल नहीं था
1986 – 1996DA जोड़ना शुरू, परिवार पेंशन का विस्तार
1996 – 2006ग्रेच्युटी वृद्धि, राहत योजना लागू
2006 के बादबेसिक वेतन का 50% पेंशन, DA शामिल, NPS शुरू
2016 के बाद7th Pay Commission की सिफारिश लागू
OPS से NPSपुरानी पेंशन प्रणाली बंद, NPS में योगदान जरूरी
परिवार पेंशननियमों में संशोधन, न्यूनतम परिवार पेंशन तय
EPFO और वरिष्ठ योजनाएंन्यूनतम पेंशन राशि में वृद्धि
ग्रेच्युटी लिमिटहर बार बढ़ाई गई, अलग कैटेगरी की लिमिट
अन्य बदलावऑनलाइन क्लेम, बायोमेट्रिक अपडेट, डिजिटल सेवाएं

1986 के पहले के नियम

1986 से पहले पेंशन का हिसाब केवल बेसिक वेतन पर होता था, जिसमें DA (Dearness Allowance) नहीं जोड़ा जाता था। इस वजह से पेंशन राशि कम मिलती थी। परिवार पेंशन का दायरा सीमित था और परिवार के लिए सुविधाएं कम थीं।

1986 से 1996 के बीच बदलाव

1986 के बाद DA को पेंशन में शामिल किया गया जिससे राशि बढ़ी। साथ ही, इस अवधि में परिवार पेंशन का दायरा बढ़कर, परिवार के अन्य सदस्यों को भी लाभ दिलाया गया। इससे कर्मचारियों के निधन के बाद उनके परिवारों को बेहतर सहायता मिली।

1996 से 2006 में क्या बदला?

1996 के बाद पेंशन में ग्रेच्युटी लिमिट बढ़ाई गई और राहत योजनाएं लागू हुईं। पेंशनधारकों के लिए मेडिकल सुविधाओं और पेंशन क्लेम प्रक्रिया को भी अपडेट किया गया।

2006 के बाद NPS की शुरुआत

2006 में नई पेंशन योजना (NPS) लागू की गई, जिसमें सभी नए सरकारी कर्मचारियों को योगदान करना अनिवार्य किया गया। अब पेंशन बेसिक वेतन के 50% के बराबर होती है, जिसमें DA भी जोड़ा जाता है। पुरानी पेंशन योजना (OPS) को धीरे-धीरे बंद कर दिया गया।

2016 के बाद 7th Pay Commission का प्रभाव

7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद पेंशन और भी बढ़ाई गई। न्यूनतम पेंशन राशि महत्वपूर्ण रूप से अधिक कर दी गई, और परिवार पेंशन के नियमों को स्पष्ट एवं संशोधित किया गया। EPFO के सीनियर सिटीजन पेंशन स्कीम में भी सुधार हुए।

OPS और NPS में मुख्य अंतर

पहलूOPS (पुरानी पेंशन योजना)NPS (नई पेंशन योजना)
पेंशन कैलकुलेशनबेसिक वेतन का 50% तक गारंटीकर्मचारी और सरकार दोनों का योगदान होता है
पेंशन भुगतानरिटायरमेंट के बाद निश्चित मासिक पेंशनआर्थिक स्थिति और निवेश पर निर्भर
योगदानकर्मचारी का योगदान नहींकर्मचारी द्वारा योगदान देना अनिवार्य
परिवार पेंशनउपलब्ध, सीमित राशिनियमों के अनुसार न्यूनतम और अधिकतम राशि तय

परिवार पेंशन और अन्य वरिष्ठ योजनाओं में सुधार

परिवार पेंशन के दायरे को बढ़ाकर पति/पत्नी और बच्चों को बेहतर राशि देने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, EPFO और अन्य वृद्धा पेंशन योजनाओं में न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाई गई है। कई डिजिटल सुविधाओं जैसे ऑनलाइन क्लेम, बायोमेट्रिक अपडेट आदि ने पेंशनधारकों के लिए प्रक्रिया सरल और तेज कर दी है।

पेंशन प्रणाली के मुख्य बिंदु

  • 1986 से पहले पेंशन केवल बेसिक वेतन पर मिलती थी।
  • 1986 के बाद DA को पेंशन में जोड़ा गया।
  • 1996 में ग्रेच्युटी लिमिट बढ़ाई गई और राहत योजनाएं शुरू हुई।
  • 2006 में NPS लागू हुई, और OPS बंद होने लगी।
  • 2016 के बाद 7th Pay Commission के जरिए पेंशन राशि में वृद्धि हुई।
  • परिवार पेंशन, EPFO और वृद्धा पेंशन योजनाओं में सुधार हुआ।
  • ऑनलाइन और डिजिटल तरीके से पेंशन क्लेम की सुविधा मिली।

बदलावों का कुल प्रभाव

इन सभी बदलावों ने पेंशनधारकों और उनके परिवारों के अधिकार और सुविधाएं बढ़ाई हैं। समय-समय पर नियमों में संशोधन से पेंशन सिस्टम अधिक पारदर्शी, लाभकारी और सरल बना है। OPS से NPS में परिवर्तन सबसे बड़ा था, जिससे कर्मचारियों को नई पेंशन प्रणाली के अनुरूप चलना पड़ा।

Chetna Tiwari

Chetna Tiwari is an experienced writer specializing in government jobs, government schemes, and general education. She holds a Master's degree in Media & Communication and an MBA from a reputed college based in India.

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