Bihar Bullet Train: जमीन अधिग्रहण शुरू! इन शहरों से होकर गुजरेगी बुलेट ट्रेन

Published On: September 25, 2025
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भारत में बुलेट ट्रेन परियोजना एक बड़ी तकनीकी और इंफ्रास्ट्रक्चर क्रांति मानी जा रही है। खासकर बिहार में इस योजना को लेकर लोगों में काफी उत्साह और उम्मीदें हैं। अब बिहार में वाराणसी-हावड़ा हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के तहत बुलेट ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह परियोजना बिहार के प्रमुख जिलों से होकर गुजरेगी, जिससे प्रदेश के लोगों के लिए यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।

जमीन अधिग्रहण की शुरुआत हो जाने से अब ट्रैक निर्माण की ओर कदम बढ़े हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत पटना, गया, आरा, जहानाबाद, बक्सर जैसे शहरों से बुलेट ट्रेन गुजरेगी। रेल मंत्रालय और नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) इस पर काम कर रही है। इस ट्रेन की रफ्तार लगभग 350 किलोमीटर प्रति घंटा होने की संभावना है, जिससे यात्रियों को तेज और आरामदायक सफर मिलेगा।

बिहार बुलेट ट्रेन: जमीन अधिग्रहण शुरू और मार्ग

बिहार में बुलेट ट्रेन की योजना वाराणसी-हावड़ा कॉरिडोर का हिस्सा है। इस रेल कॉरिडोर में बिहार के कई बड़े शहर शामिल हैं जहां पर बुलेट ट्रेन के स्टेशन बनाए जाएंगे। अभी जमीन अधिग्रहण के लिए गांवों में सर्वे का काम तेजी से चल रहा है।

इस परियोजना के पहले चरण में पटना जिले में लगभग 135 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी, जिसमें रेलवे 4 गुना मुआवजा ग्रामीण क्षेत्रों में और 2 गुना शहरी क्षेत्रों में देगा। जमीन अधिग्रहण के साथ-साथ एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण होगा, जिससे नीचे सड़क भी बनेगी ताकि स्थानीय लोगों को आवागमन में कोई परेशानी न हो।

बुलेट ट्रेन का मार्ग और प्रमुख शहर

बुलेट ट्रेन का यह मार्ग बिहार के कुछ मुख्य शहरों से होकर गुजरेगा। इसमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शहर शामिल हैं:

  • बक्सर
  • आरा
  • जहानाबाद
  • पटना
  • गया

पहले चरण में बक्सर, पटना और गया में स्टेशन बनाए जाएंगे जबकि आरा और जहानाबाद का निर्माण दूसरे चरण में होगा। जगदीशपुर प्रखंड के कई गांव जैसे भटौली, बिमवा, चकवा, दावा, और अन्य से यह ट्रेन गुजरेगी। जमीन अधिग्रहण के बाद सर्वे पूरी तरह से भूमि खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

बिहार बुलेट ट्रेन योजना का ओवरव्यू टेबल

विषयजानकारी
परियोजना का नामबिहार बुलेट ट्रेन (वाराणसी-हावड़ा हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर)
कुल लंबाईलगभग 760 किलोमीटर (संपूर्ण कॉरिडोर)
बिहार में ट्रैक लंबाईलगभग 61 किलोमीटर
प्रमुख स्टेशनों के नामबक्सर, आरा, जहानाबाद, पटना, गया
ट्रेन की रफ्तारलगभग 350 किलोमीटर प्रति घंटा
जमीन अधिग्रहण क्षेत्रलगभग 135 हेक्टेयर (पटना क्षेत्र में)
मुआवजा दरग्रामीण क्षेत्र में 4 गुना सर्किल रेट, शहरी क्षेत्र में 2 गुना सर्किल रेट
ट्रैक का स्वरूपएलिवेटेड (उच्च स्तरीय) ट्रैक, नीचे सड़क निर्माण के साथ
परियोजना प्रबंधकराष्ट्रीय उच्च-गति रेल निगम लिमिटेड (NHSRCL)

जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया और मुआवजा

जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया बिहार के कई गांवों में शुरू हो चुकी है। राजस्व कर्मचारी पहले चरण में गांवों का सर्वे कर रहे हैं जहां से रेलवे ट्रैक गुजरेगा। सर्वे के दौरान जमीन के मालिकों का नाम, पता, भूमि का प्रकार और खेसरा नंबर सहित सभी जानकारी एकत्रित की जा रही है।

रेलवे और सरकार जमीन धारकों को उचित मुआवजा देगी। ग्रामीण इलाके में चार गुना और शहरी क्षेत्रों में दो गुना सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा मिलेगा। यह मुआवजा जमीन अधिग्रहण को लेकर लोगों के लिए राहत की बात है।

बुलेट ट्रेन के फायदे

  • तेजी से सफर: 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सफर समय में भारी कमी।
  • आधुनिक तकनीक: जापानी तकनीक का उपयोग, जिससे कम समय में अधिक दूरी तय होगी।
  • आर्थिक विकास: रास्ते में आने वाले क्षेत्रों का विकास, रोजगार के अवसर बढ़ें।
  • सुरक्षित यात्रा: बेहतर इंजीनियरिंग और सुरक्षा मानकों के साथ यात्रा।
  • पर्यावरण संरक्षण: कम प्रदूषण, इलेक्ट्रिक ट्रेन होने के कारण पर्यावरण के लिए बेहतर।

बिहार में शामिल प्रमुख जिले और गांव

बिहार के कई जिलों के गांवों से होकर बुलेट ट्रेन गुजरेगी। जैसे भोजपुर जिले के अंचल में जगदीशपुर, उदवंतनगर, कोइलवर समेत कई गांव शामिल हैं। गया में छह प्रखंडों के 43 गांवों की जमीन का सर्वे हो चुका है।

संभावित चुनौतियां

  • जमीन अधिग्रहण में ग्रामीणों की सहमति लेना।
  • अधिग्रहण प्रक्रिया में समय एवं मुआवजा विवाद।
  • बड़े पैमाने पर ट्रैक निर्माण में पर्यावरण एवं सामाजिक प्रभाव।
  • परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए समयबद्ध कार्य।

निष्कर्ष

बिहार में बुलेट ट्रेन परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है जो प्रदेश की विकास दर को बढ़ाएगा। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और सरकार ने इसे तेजी से पूरा करने का लक्ष्य रखा है। ट्रैन के रफ्तार और स्टेशनों के कारण यात्रियों को उच्च गति व आरामदायक सफर मिलेगा। हालांकि जमीन अधिग्रहण संबंधी संवेदनशीलता देखते हुए प्रक्रिया को संतुलित रूप से चलाना आवश्यक है।

Chetna Tiwari

Chetna Tiwari is an experienced writer specializing in government jobs, government schemes, and general education. She holds a Master's degree in Media & Communication and an MBA from a reputed college based in India.

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