भारत में वस्तु और सेवा कर यानी GST को लागू हुए अब कई साल हो चुके हैं। GST ने देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है और टैक्स प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने में मदद की है। हालांकि, GST की स्लैब संरचना को लेकर समय-समय पर सरकार नई घोषणाएं करती रहती है ताकि टैक्स दरें संतुलित और यथासंभव कम हो सकें।
हाल ही में सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है जो GST स्लैब को प्रभावित करेगा। सुप्रीम कोर्ट (SC) में हुई चर्चा और उनके दिशा-निर्देशों के बाद सरकार ने कई वस्तुओं और सेवाओं के लिए GST दरों में संशोधन करने का एलान किया है। यह कदम व्यापार और उपभोक्ताओं दोनों के लिए राहत लेकर आया है।
इस लेख में GST स्लैब से जुड़ी सरकार के ताज़ा फैसले, उनकी वजहें, और इससे देश के व्यापार तथा उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले प्रभावों की जानकरी सरल भाषा में दी गई है।
GST Tax Slab
GST (Goods and Services Tax) एक अप्रत्यक्ष कर है जो भारत में वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री पर लगाया जाता है। इसे केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों मिलकर एक साथ लागू करती हैं।
GST की दरें अलग-अलग स्लैब्स में बांटी गई हैं, ताकि कम मूल्य की वस्तुओं और पहली आवश्यकताओं पर कम टैक्स लगे और महंगी वस्तुओं पर अधिक।
मौजूदा समय में चार मुख्य GST स्लैब हैं: 5%, 12%, 18%, और 28%। इसके अलावा कुछ वस्तु और सेवाओं पर शून्य प्रतिशत GST भी लगाया जाता है।
हाल का ऐतिहासिक बदलाव
2025 की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने GST स्लैब पर महत्वपूर्ण निर्देश दिए, जिससे सरकार ने वस्तुओं और सेवाओं के टैक्स स्लैब में बदलाव करने का फैसला किया। अधिवक्ता और उद्योगों की मांगों को भी माना गया।
सरकार ने तय किया कि कई जरूरी वस्तुओं और किसानों से जुड़ी सेवाओं पर GST दर कम कर दी जाएगी। इसी के साथ रेवेन्यू बढ़ाने और उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाने के लिए खास छूटें भी दी गई हैं।
इस कदम से छोटे व्यवसाय, सामान्य उपभोक्ता और ग्रामीण क्षेत्र के लोग सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे।
GST Slab में हुए प्रमुख बदलाव
कई खाद्य पदार्थ, कृषि उत्पाद और दवाएं अब 5% या उससे भी कम GST स्लैब में आ गए हैं। सभी आवश्यक वस्तुएं जैसे मसाले, दालें, सब्जियां, और अनाज उपकरणों पर GST दर घटाई गई है। त्योहारी सीजन के दौरान कुछ सेवाओं पर भी GST में छूट दी गई है ताकि उपभोक्ताओं की जेब पर कम बोझ पड़े।
सरकारी आदेशों के अनुसार, गैर-आवश्यक वस्तुओं की GST दर को स्थिर रखा गया या बढ़ाया गया ताकि राजस्व में असर न पड़े।
इसका सामान्य जनता और व्यवसाय पर प्रभाव
इस संशोधन से आम जनता को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा क्योंकि रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स कम हुआ है। इससे पेट्रोल-डीजल, खाद्य पदार्थों और दवाओं की कीमतें कम रहने की संभावना है।
व्यवसायों को भी फायदा होगा जब वे कम GST दर पर सामान खरीदेंगे। यह उनकी लागत कम करेगा और अंततः उपभोक्ता तक सस्ता माल पहुंचेगा।
टैक्स दरों में स्थिरता से कारोबारी माहौल बेहतर होगा और विदेशी निवेशकों के लिए भी भारत आकर्षक बनेगा।
सरकार के दृष्टिकोण
सरकार ने इस ऐतिहासिक परिवर्तन को सामाजिक और आर्थिक जरूरतों का संतुलन बताते हुए कहा कि इसका लक्ष्य है विकास के साथ न्याय।
GST परिषद लगातार उद्योग-जनता की राय सुनती रहती है और उसी के आधार पर टैक्स दरों में बदलाव करती है। सरकार ने भरोसा दिया है कि आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर हमेशा कम GST रहेगा।
निष्कर्ष
GST Tax Slab में हुए बदलाव से भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और आम आदमी की जेब पर बोझ कम होगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और सरकार के समझदारी भरे फैसलों ने इस व्यवस्था को और ज्यादा पारदर्शी और प्रभावी बनाया है।
आने वाले समय में यह बदलाव व्यापार एवं परिवारों दोनों को लाभ पहुंचाएगा और भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा।