Land Registration New Rule 2025: अब सस्ते में होगी जमीन की रजिस्ट्री – सितंबर से लागू

Published On: September 18, 2025
Land registration

भूमि या संपत्ति की रजिस्ट्री हमेशा से एक महंगी और जटिल प्रक्रिया मानी जाती रही है। किसी भी व्यक्ति को जमीन खरीदते समय सरकार द्वारा तय स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। यह शुल्क कई बार कुल संपत्ति मूल्य का बड़ा हिस्सा बन जाता है, जिसके कारण सामान्य वर्ग का खरीदार जमीन खरीदने से हिचकिचाने लगता है।

सरकार समय-समय पर भूमि एवं संपत्ति लेन-देन को सुगम और सुलभ बनाने के लिए नए प्रावधान लाती रही है। इसी क्रम में 5 सितंबर 2025 से भूमि पंजीकरण से जुड़े नए नियम लागू किए गए हैं। इन नियमों के तहत अब रजिस्ट्री कराना पहले की तुलना में काफी सस्ता हो गया है। यह पहल खासकर मध्यमवर्गीय और ग्रामीण खरीदारों को बड़ी राहत देने वाली है।

नए नियम का मुख्य उद्देश्य लोगों को कम खर्च में अपनी संपत्ति का वैधानिक अधिकार दिलाना और रियल एस्टेट बाजार को गति प्रदान करना है। इससे उन लोगों को भी बड़ा लाभ मिलेगा जो लंबे समय से ऊंचे रजिस्ट्री शुल्क के कारण जमीन खरीदने से वंचित थे।

Land Registration New Rule

5 सितंबर 2025 से लागू हुए भूमि पंजीकरण के नए नियम के तहत जमीन की रजिस्ट्री पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क को कम कर दिया गया है। अब खरीदार को रजिस्ट्री हेतु पहले की तुलना में कम शुल्क देना होगा, जिससे कुल खर्च में सीधी कमी आएगी।

पहले जहां कई राज्यों में जमीन की रजिस्ट्री पर 8 से 10 प्रतिशत तक स्टाम्प शुल्क व पंजीकरण शुल्क मिलाकर देना पड़ता था, वहीं अब इसमें कमी कर दी गई है। इस बदलाव से राज्य सरकार को भले ही मामूली राजस्व हानि होगी, लेकिन जनता को सीधा फायदा मिलेगा और संपत्ति लेन-देन की संख्या में वृद्धि होगी।

नियम के तहत महिलाओं और गरीब वर्ग के लिए विशेष प्रावधान भी किए गए हैं। महिला खरीदारों के लिए अतिरिक्त छूट उपलब्ध कराई गई है, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं भूमि स्वामित्व की ओर बढ़ सकें। गरीब परिवारों और ग्रामीण क्षेत्रों में खरीदी जाने वाली छोटी जमीनों पर भी शुल्क घटाकर बोझ कम करने का प्रयास किया गया है।

सरकार का उद्देश्य

सरकार का मानना है कि ऊंचे शुल्क की वजह से बहुत से लोग जमीन की औपचारिक रजिस्ट्री कराने से बचते थे। वे कच्चे दस्तावेजों या अनौपचारिक समझौतों के आधार पर ही भूमि का लेन-देन करते थे। इससे जहां कानूनी विवाद बढ़ते थे, वहीं सरकार को भी राजस्व हानि उठानी पड़ती थी।

नए नियम से यह स्थिति बदलेगी और अधिक से अधिक लोग कानूनी रूप से अपनी जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए प्रोत्साहित होंगे। इससे भविष्य में भूमि विवादों की संभावना कम होगी और खरीदारों को सुरक्षा का भाव मिलेगा। इसके साथ ही रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता आएगी और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

आवेदन की प्रक्रिया

जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया में अधिकतर बदलाव सिर्फ शुल्क को लेकर किया गया है। आवेदन करने के नियम पहले जैसे ही रहेंगे। इच्छुक खरीदार को जिस जिले में भूमि स्थित है, वहां के उप-पंजीयक कार्यालय या रजिस्ट्री कार्यालय में आवेदन करना होगा।

आवश्यक दस्तावेजों में खरीदार और विक्रेता का पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, जमीन की खसरा-खतौनी प्रतिलिपि, बिक्री अनुबंध और हाल की पासपोर्ट साइज फोटो शामिल करनी होगी। शुल्क का भुगतान ऑनलाइन या नकद, दोनों तरीकों से किया जा सकेगा। आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने पर जमीन की स्वामित्वाधिकार संबंधी दर्ज रजिस्ट्री खरीदार के पक्ष में जारी हो जाएगी।

किसे होगा सबसे अधिक लाभ

इस नए नियम से खासतौर पर ग्रामीण और छोटे शहरों के लोगों को लाभ होगा, जो कम मूल्य की जमीन खरीदते हैं। पहले रजिस्ट्री पर अतिरिक्त खर्च होने से असली जमीन खरीद मूल्य से ज्यादा बोझ पड़ता था, जिससे लोग पीछे हट जाते थे। अब कम शुल्क की वजह से यह वर्ग आसानी से जमीन खरीद पाएगा।

महिलाओं के लिए भी यह नियम बड़ी राहत लेकर आया है क्योंकि उन्हें जमीन खरीदने पर शुल्क में अतिरिक्त रियायत दी गई है। इससे जमीन पर महिलाओं का स्वामित्व बढ़ेगा, जो सरकार की महिला सशक्तिकरण नीतियों के अनुरूप है।

भविष्य पर प्रभाव

भूमि पंजीकरण नियमों में यह संशोधन लंबे समय तक सकारात्मक असर डालेगा। कम शुल्क की वजह से और अधिक लोग संपत्ति खरीदेंगे, जिससे रियल एस्टेट बाजार में रौनक लौटेगी। साथ ही सरकार को छोटे-छोटे सौदों से सामूहिक रूप से अधिक राजस्व प्राप्त होगा, जिससे आर्थिक वृद्धि में मदद मिलेगी।

इस बदलाव से जमीन की औपचारिक खरीद-बिक्री बढ़ेगी और कालेधन का उपयोग भी कम होगा। चूंकि अधिकांश लेन-देन अब कानूनी तरीके से दर्ज होंगे, इसलिए लोगों का भरोसा भी बढ़ेगा और भविष्य में विवाद की आशंका लगभग नगण्य हो जाएगी।

निष्कर्ष

भूमि पंजीकरण से जुड़े 5 सितंबर से लागू हुए नए नियम आम जनता के लिए बड़ी राहत साबित होंगे। अब जमीन की रजिस्ट्री पहले से सस्ती, आसान और पारदर्शी हो गई है। इससे लोग खुलकर जमीन खरीदने की ओर कदम बढ़ा सकेंगे और सरकार का उद्देश्य भी पूरा होगा। यह बदलाव जनता और देश दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।

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