गांवों में रहने वाले गरीब और बेघर लोगों को सम्मानजनक जीवन मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की है। इनमें सबसे प्रमुख योजना है प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना। इस योजना के तहत ऐसे परिवारों को पक्का घर बनवाने में आर्थिक सहायता दी जाती है जिनके पास रहने के लिए कोई सुरक्षित आवास नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में लोग झोपड़ी या कच्चे मकानों में रहते हैं। बरसात और ठंडी में ऐसे लोग बहुत मुश्किलों का सामना करते हैं। सरकार का प्रयास है कि हर गरीब परिवार को सुरक्षित और पक्का आवास उपलब्ध कराया जाए। यही वजह है कि इस योजना में वित्तीय मदद सीधे लाभार्थी को दी जाती है ताकि वह अपने परिवार के लिए नया घर बना सके।
Pradhan Mantri Gramin Awas Yojana
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह योजना मूलतः इंदिरा आवास योजना का नया रूप है जिसे 2016 में नरेंद्र मोदी सरकार ने नए स्वरूप में लागू किया। इसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों को पक्का और सुरक्षित घर उपलब्ध कराना है।
इस योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों को घर बनाने के लिए सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जाती है। वैसे तो सहायता राशि राज्यों के अनुसार थोड़ा अलग हो सकती है, लेकिन सामान्य रूप से मैदानी क्षेत्रों में रहने वाले लाभार्थियों को ₹1.20 लाख तक और पहाड़ी व कठिन क्षेत्रों में रहने वालों को ₹1.30 लाख तक की सहायता दी जाती है। इसके अलावा शौचालय निर्माण और मनरेगा योजना के अंतर्गत मजदूरी का भी लाभ मिलता है।
योजना के माध्यम से मिलने वाली सहायता
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत मिलने वाली वित्तीय सहायता सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है। घर बनाने के लिए तय की गई राशि किस्तों में मिलती है ताकि लाभार्थी घर की निर्माण प्रक्रिया को चरणबद्ध पूरा कर सके।
इसके अलावा योजना के साथ अन्य सुविधाएं भी जुड़ी हुई हैं। सरकार लाभार्थियों को शौचालय निर्मित करने के लिए अलग से राशि देती है ताकि घर पूरी तरह से स्वच्छ और सुरक्षित हो। वहीं घर बनने के दौरान मजदूरों की सहायता करने वाले परिवार को मनरेगा के तहत 95 से 100 दिन तक का मजदूरी भत्ता भी उपलब्ध कराया जाता है। इस तरह लाभार्थी को केवल घर ही नहीं, बल्कि जीवनस्तर सुधारने की दिशा में एक नई शुरुआत भी मिलती है।
लाभ किसे मिलेगा
यह योजना केवल उन्हीं परिवारों को मिलती है जो गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करते हैं और जिनके पास रहने के लिए कच्चा घर या बिल्कुल भी घर नहीं है। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर चयन प्रक्रिया की जाती है। गांव में रहने वाले ऐसे परिवार जिनका नाम सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना की सूची में दर्ज है, उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाता है।
महिला प्रमुख परिवारों को प्राथमिकता दी जाती है और घर का पंजीकरण प्रायः महिला के नाम पर ही किया जाता है। इससे योजना का लाभ सीधे समाज में कमजोर वर्गों और महिलाओं तक पहुंच सके।
आवेदन की प्रक्रिया
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लिए लाभार्थी को अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होती। जिन परिवारों का नाम ग्रामीण आवास सूची में आता है, उन्हें ग्राम पंचायत के माध्यम से सीधे जानकारी दी जाती है। हालांकि, कई राज्य अपनी वेबसाइट पर ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध कराते हैं जिसकी मदद से लोग अपनी स्थिति और लाभ की जानकारी ले सकते हैं।
जब किसी पात्र परिवार का चयन हो जाता है, तो उसका पूरा विवरण पंचायत और ब्लॉक स्तर पर दर्ज किया जाता है। उसके बाद केंद्र सरकार की ओर से सीधे बैंक खाते में किस्तों के रूप में पैसा भेजा जाता है। लाभार्थी को केवल समय पर निर्माण कार्य पूरा करना होता है।
योजना का महत्व
यह योजना ग्रामीण गरीब परिवारों की जीवनशैली में बड़ा परिवर्तन ला रही है। पहले जहां लोग मिट्टी और तिनकों के घरों में रहते थे, अब उन्हें पक्का घर मिल रहा है। इससे बच्चों और पूरे परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
साफ-सुथरे और पक्के मकान से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी कम होती हैं। पानी, छत और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं के कारण परिवार की मानवीय गरिमा भी बनी रहती है। साथ ही, सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे हर परिवार को वर्ष 2024 तक पक्का घर मिल सके।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना गरीबों के लिए सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक है। इस योजना ने लाखों परिवारों को छत दी है और उन्हें बेहतर जीवन जीने का अवसर प्रदान किया है। आने वाले समय में यह योजना गांवों में गरीबी हटाने की दिशा में और भी बड़ा योगदान देगी।