सेविंग अकाउंट के नियम समय-समय पर बदलते रहते हैं और बैंक ग्राहकों को बेहतर सुविधा देने के लिए नई योजनाएं लाते रहते हैं। पहले तक लोग सेविंग अकाउंट को सिर्फ छोटे खर्च या इमरजेंसी के लिए धन बचाने का साधन मानते थे, क्योंकि इस पर ब्याज दर काफी कम मिलती थी। दूसरी ओर फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी पर ब्याज ज्यादा मिलता रहा है, जिसके कारण ज्यादातर लोग पैसा एफडी में ही लगाने को प्राथमिकता देते थे।
लेकिन अब समय बदल रहा है। बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने सेविंग अकाउंट को और आकर्षक बनाने के लिए नई सुविधा शुरू की है। इसके तहत अब सेविंग अकाउंट पर भी एफडी जैसी ऊंची ब्याज दर यानी 7% तक का लाभ मिल सकता है। खास बात यह है कि इसके लिए ग्राहकों को बस एक छोटा सा काम करना होगा, जिसके बाद उनका पैसा सेविंग अकाउंट में भी ज्यादा बढ़ेगा।
यह नई व्यवस्था खासकर उन लोगों के लिए बहुत लाभकारी है जो अक्सर पैसा सेविंग अकाउंट में ही रखते हैं लेकिन अब तक उन्हें बहुत कम ब्याज मिलता था। इससे न केवल उनका पैसा सुरक्षित रहेगा बल्कि अच्छे ब्याज की वजह से आमदनी भी पहले से ज्यादा होगी।
Saving Account New Rule
बैंकों की ओर से अब ऐसा नियम लाया गया है जिसके तहत ग्राहकों को सेविंग अकाउंट पर भी एफडी जैसी ब्याज दर यानी 7% तक का फायदा दिया जाएगा। दरअसल, यह एक तरह से विशेष स्कीम है जिसे ऑटो स्वीप या स्वीप-इन सुविधा कहा जाता है। इस सुविधा में जब आपके सेविंग अकाउंट में एक तय राशि से ज्यादा बैलेंस हो जाता है तो वह अपने-आप एफडी में ट्रांसफर हो जाता है।
इस सुविधा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपकी रकम सुरक्षित रहते हुए आपको ज्यादा ब्याज मिलता है। मतलब यह कि सेविंग अकाउंट का सारा पैसा वैसे का वैसा ही सुरक्षित रहता है और जितनी राशि तय सीमा से ऊपर जाएगी उस पर एफडी की तरह ब्याज मिलना शुरू हो जाएगा।
आजकल ज्यादातर बड़े बैंक और प्राइवेट बैंक इस सुविधा को ग्राहकों को देने लगे हैं। ब्याज दर बैंकों के अनुसार अलग-अलग हो सकती है लेकिन कई बैंकों ने इस पर 6% से 7% तक ब्याज देना शुरू किया है। जिसका सीधा मतलब है कि जो सुविधा आपको पहले सिर्फ एफडी में मिलती थी अब वह सेविंग अकाउंट में भी मिल रही है।
ऑटो स्वीप सुविधा कैसे काम करती है
मान लीजिए कि आपने अपने सेविंग अकाउंट पर यह सुविधा सक्रिय कर रखी है और बैंक ने तय सीमा 25,000 रुपये रखी है। अब अगर आपके खाते में 35,000 रुपये जमा हो जाते हैं तो 25,000 रुपये सेविंग अकाउंट में और बाकी 10,000 रुपये अपने आप एफडी में बदल जाएंगे। इस एफडी पर बैंक की ओर से 7% ब्याज मिलेगा।
जरूरत पड़ने पर अगर ग्राहक को पैसे निकालने हों तो उसे सामान्य रूप से एटीएम या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से पैसा मिल जाएगा। बैंक पहले एफडी में जोड़ी गई अतिरिक्त रकम से पैसा काट लेगा। इस तरह निकासी के समय भी ग्राहक को कोई मुश्किल नहीं होती है।
यह सुविधा उन लोगों के लिए बहुत जरूरी है जिन्हें रोजमर्रा खर्च के अलावा कुछ अतिरिक्त रकम सेविंग अकाउंट में हमेशा पड़ी रहती है। सामान्य सेविंग अकाउंट पर जहां केवल 2.5% से 3.5% तक ब्याज मिलता है वहीं इस सुविधा से यह दर बढ़कर 7% तक पहुंच सकती है।
किसे मिलेगा इस नए नियम का लाभ
यह नया नियम हर ग्राहक के लिए फायदे का सौदा है, खासतौर पर वे लोग जो लंबे समय तक बड़ी रकम सेविंग अकाउंट में ही रखते हैं। ऐसे लोगों का पैसा अब व्यर्थ पड़े रहने के बजाय ज्यादा बढ़ेगा।
कर्मचारी वर्ग, व्यापारी, छोटे उद्यमी और सेवानिवृत्त लोग भी इससे लाभ उठा सकते हैं। सेवा-निवृत्ति के बाद जो लोग पैसा सेविंग अकाउंट में सुरक्षित रखना चाहते हैं उन्हें भी इस सुविधा से अच्छी अतिरिक्त आय मिलेगी।
इसके लिए क्या करना होगा
अगर आप इस सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको अपने बैंक से संपर्क करना होगा। बैंक शाखा में या ऑनलाइन नेट बैंकिंग/मोबाइल बैंकिंग के जरिए आप ऑटो स्वीप या स्वीप-इन सुविधा सक्रिय कर सकते हैं।
सुविधा सक्रिय होने के बाद बैंक आपके सेविंग अकाउंट पर तय सीमा निर्धारित करेगा। जैसे ही इस सीमा से ज्यादा बैलेंस आपके खाते में होगा वह एफडी में ट्रांसफर होकर 6% या 7% पर ब्याज अर्जित करने लगेगा।
ग्राहक को अलग से एफडी खोलने, कागज भरने या अकाउंट बदलने की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ यह सुविधा एक्टिवेट करानी होगी और हर अतिरिक्त रकम पर अच्छे ब्याज का फायदा मिलना शुरू हो जाएगा।
निष्कर्ष
सेविंग अकाउंट पर नया नियम ग्राहकों के लिए बहुत बड़ी राहत है। पहले जहां सेविंग अकाउंट महज बचत और दैनिक लेन-देन के काम आता था वहीं अब उसी से एफडी जैसी कमाई भी हो रही है।
अगर आप भी चाहते हैं कि आपका पैसा सुरक्षित रहने के साथ-साथ तेजी से बढ़े तो अपने सेविंग अकाउंट पर यह सुविधा जरूर सक्रिय कराएं और 7% तक का ब्याज पाने का लाभ लें।